Bhajan Marg

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bhajanmarg#43 – “पूज्य महाराज जी और NRI Green Society के President के बीच क्या वार्तालाप हुई?”

bhajanmarg#43bhajanmarg#43 :- महाराज जी :- दनदवर, दनदवर

भक्त :- महाराज जी NRI सोसाइटी है ना और वहाँ के प्रेसिडेंट हैं?

महाराज जी :- नहीं, हमारा तो कोई विरोधी नहीं है। देखो हमारा कार्य सबको सुख पहुंचाना हमको सुनने को मिला। वहाँ किसी को दुख पहुंचा, हमने रास्ते में बदल दिया। nextpage

भक्त :- यूट्यूब जो होते हैं इन्होंने अपना फेमस होने के लिए उनको कह के आप ये बोल दो उन लोगों ने तो आपको पता ही है ब्रज वासी है कैसे?

महाराज जी :- हाँ। बोले भाले।

भक्त :- तुरंत ही वो कह दिया, उसके सामने उनको भी पश्चाताप हो रहा हैं।

महाराज जी :- हाँ नहीं।

भक्त :-  जहाँ आपकी आज्ञा हुई तो आना चाह रहे हैं।

महाराज जी :-  नहीं, बिल्कुल आए ,हम ह्रदय के नाते बूला रहे  है।

भक्त :- के नाते मैं माफी मांगने आया हूँ। ब्रजवासी होने के नाते

महाराज जी :- हमारी प्रार्थना है। उन लोगों से भी रह दीजिए हम आपका कभी अहित नहीं कर सकते, हम सबका सुख देने।

भक्त :- उनसे रोज़ बात होती है वो ये खुद ही पछता रहे हैं वो लोग क्या ये गलत हो गया? वो हिम्मत नहीं जुटा पा रहे

महाराज जी :- में नहीं नहीं कभी हुआ मैं।

भक्त :- अब मैं एक बार उनको अपने साथ लेकर आओगे।

महाराज जी :- जरूर जरूर लेके आइये हम स्वागत करते हैं हम बेर विरोध कभी किसी का नहीं कर सकते, आप आनंदित रहो आप प्रसन्न रहो और उन ब्रजवासियों से भी जिन्होंने बोला है ना? हम नहीं उनको हम प्रणाम करते हैं। nextpage

भक्त :- ब्रजवासी होने के नाते आप हमारी धरोहर है।

महाराज जी :- और कभी किसी को जैसे कोई परेशानी पड़े ना तो हम घर के हैं।

भक्त :- सीधा हम बाबा के बाबा हमारा।

महाराज जी :- बिलकुल अब जैसे यहाँ आप आके कह रहे हो।तो हम से बता दे की बाबा ऐसे ऐसे ऐसे तो चार लोग मिलकर उसका।

भक्त :- यूट्यूब ने थोड़ा भ्रम फैला दिया। उन्होंने ये मौका तक नहीं दिया के हाँ, बात रख सके नहीं नहीं आप ये बोल दो, उनका कुछ फेमस का कुछ गलत उनका है जो चल रहा है। इसलिए मैं खुद ही कहने आया हूँ क्या महाराज जी वहीं से निकलेगे।और मैं वहाँ सोसाइटी पे खड़े होके सारे संत लोग जीतने भी है सबका वहाँ सम्मान करूँगा और उसका पश्चाताप करूँगा।कि मेरे ब्रजवासी होते हुए वहाँ सोसाइटी में यह हो गया तो मैं तो हिमत नहीं जुटा पा रहा था। nextpage

महाराज जी :- नहीं नहीं नहीं आप बिल्कुल अपने घर

भक्त :- अब मेरे को यहां लगा यहां तो अब मैं समय समय पर ही आता रहूँगा आपका अगर आग्या होगी तो मैं समय समय पर जरूर आता रहूँगा आई ठीक है महराज जी, धन्यवाद

महाराज जी :- और पूरी कालोनी में कह देजीएगा कि हम सबको प्यार करते हैं

भक्त :- हमारी तरप से कभी नहीं ये सब आपको भी प्यार करते हैं

महाराज जी :- हा हा हा 😅🥰❤️

Bhajanmarg#44 – “देखिए, महाराज जी ने क्या कहा जब ब्रजवासियों ने रात्रि 2 बजे पदयात्रा शुरू करने के लिए कहा?” 

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bhajanmarg#44:- भक्त:- बड़ा हार्दिक इनका वो था की महाराज जी जो आप सुबह यात्रा पहले जो पदयात्रा 2:00 बजे करते आते थे उससे भक्तों को बहुत सुख मिलता था और सारे बृजवासी को बहुत सुख मिलता था। तो अगर आप पुनः महाराज जी उसको कर दे तो हमने तो कल बोल दिया था की हम महाराज जी से प्रार्थना करेंगे बेटा सुबह भी और अभी? nextpage

महाराज जी :- नहीं हमको बस जब वो विरोध सुनने को मिला तो देखो हमारा कार्य है सबको सुख देना, हम किसी को दुख नहीं दे सकते। अच्छा आप देखो लाखों लोग बाहर से आते हैं, कोई कीर्तन कर रहा है, कोई नाच रहा है। हमें तो लगता है कि धाम के लिए तो महा उत्सव है पर अगर किसी को दुख लगे। तो हम सब बंद कर सकते है, हम दुख देने के लिए नहीं, हम सबको सुख दे और बृजवासी तो हमारे आराध देव है। वो हमें गाली दे तो भी हम सर झुका के उनके सामने रहेंगे। हमें एक शब्द नहीं कहा। एक शब्द भी ऐसा नहीं वो हम उनका भी अभी कल वो आए थे। उन्होंने कहा क्या वो सब आना चाहते है? उनका स्वागत है, आप आओ हम दुपट्टा चुनरी उड़ाएंगे हम हाथ जोड़ेंगे। nextpage

भक्त:-  महाराज जी। की 1000 आदमी के बृजवासी को आपकी यात्रा से दुखद है या कुछ भी। हम एनआरआइ ग्रीन के बगल में मेरा निजी स्थान है जी जी और दोनों टाइम हम दर्शन करते हैं। महाराज जी आप प्रेमानंदो अब हमारे बृज की धरोहर है। आप का आरोप तो कोई ऐसा है ही ना जो महाराज जी को जो ढोल नगाड़े बजना या संकीर्तन की नगरी महाराज जी कीर्तन तो ब्रज में कीर्तन लोगो कीर्तन की संतन की नगरी में कहीं भी चले जाओ जो भी संतन की नगरी में कीर्तन होगा, भजन संध्या भी होगी और यहाँ आदमी सिर्फ तपस्या के लिए और नाम के लिए ठाकुर जीके नाम के ये हमारे बृन्दावन माँ के बिहारी राधा रानी सरकार श्रीजी सरकार की धरोहर। nextpage

भक्त:- जो माहौल बृन्दावन में बन के आया है, जितनी तरीके से बढ़िया व्यवस्था चल रही है, 1,00,000 आदमी खड़े हो के दर्शन कर रहे हैं, किसी प्रकार की कोई भागदौड़ नहीं है, कोई भी बत्तमीजी नहीं। कोई भी कर्मचारी को परेशानी नहीं जिन लोग दंड ओटकर करके हम लोगों को इतना शर्मिंदा करते हैं हमसे आयु में बड़े उम्र में बड़े इतने योग और हम कही पता चल जाए बृजवासी हैं। nextpage

महाराज जी :- हाँ बिलकुल बिलकुल।

भक्त:- महाराज जी हम जिन लोगों का किस तरीके से शुक्रिया अदा करें? 

महाराज जी :- हम भी ये नहीं मानते हैं की वो 12:00 बजे से आके 3:00 बजे तक 2:30 बजे तक खड़े हैं केवल दर्शन के लिए

भक्त:-  इतनी सर्दी। 

महाराज जी :- हाँ, इतनी सर्दी में बिलकुल। 

भक्त:- कल महाराज जी बहुत सारे जने आए थे वही प्रार्थना करने के लिए। 

भक्त:- आपने प्यार करो हमसे पर अब ऐसी आँख मत मोड़ो की पहले आपने आदत डाल दी है फिर। 

महाराज जी :- जी जी नहीं अब| 

भक्त:- आपसे प्रेम है गो बाबा अब अखीया मत मोड़ो। 

महाराज जी :- नहीं, आपका आना ही काफी हम कल से शुरू करते हैं, कल ठीक 2:00 बजे अपने गेट से निकल पड़ेंगे।

भक्त:- बस ये विनती है महाराज जी पदयात्रा जा रात्रि कालीन की पहली तरह शुरू हुआ।  

महाराज जी :- कल सुबह से कल 2:00 बजे। 

भक्त:- महाराज जी अब राधा राधा होगी 

महाराज जी :- जी जी बिलकुल 

भक्त:- बोल राधा रानी की जय श्री वरंदावन धाम की जय| nextpage

प्रतिदिन राधे जाप:-

राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
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राधे

🌸🙏 राधे राधे बोलो, प्रेम से बोलो! 🙏🌸

bhajanmarg#45 to #47

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bhajanmarg#15 to #17
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भजन मार्ग 15 से 17 में प्रेमानंद जी महाराज द्वारा भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का गूढ़ रहस्य समझाया गया है।
"प्रेमानंद जी महाराज द्वारा भजन मार्ग के अद्भुत प्रवचन, आत्मज्ञान और भक्ति से परिपूर्ण।"
premamand ji maharaj
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bhajanmarg#43 #44
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