BhajanMarg

premanand-maharaj

BHAJANMARG#01 premanand ji maharaj

BHAJANMARG#01:-

bhajanmarg#01 BHAJAN MARG #01 भक्त:- महाराज जी, जब हमे हर गलत करम का हिसाब किताब यही पर देके जाना है तो क्या? 

 महाराज जी:- ये किसने कहा? यही पर देके जाना है, ऐसा तो नहीं कहा या की पूरा यही पर देके जाना है नहीं, यहाँ से लाद के ले जाना है यहाँ तो जैसे आपको बताते है बिलकुल ऐसा पक्का समझना जब आप चोरी करने गए आपको मन ने कहा की चोरी करना पाप है, दंड मिलेगा। तो आपकी बुद्धीन ने कहा नहीं आप पैसे चोरी कर लो की जब पकड़े गए तो पुलिस घर से पीटती ले जाती है ना? थाने तक की थाने में अच्छी धुलाई होती है की ठीक ठाक करके उनको लिया जज के सामने पेश किया जाताये जो पाप का यहाँ तुम्हे दिखाई देता है, ब्याज है, सजा तो नर्क में मिलेंगे। इसीलिए कहते है नामजप कर लो गलती सब से हो जाती है। नाम जब गलती मिटा देगा, पाप को नष्ट कर देगा और नियम लो की जिन पापों से हमारा मन मलिन हुआ, वो मैं दुबारा कभी पाप नहीं करूँगा और नामजप करोगे तो सारे पाप नष्ट हो जाएंगे। ये भूल में मतरेला की शरीर को यहाँ छूट गया। हिसाब किताब ये दंड किसको भोगना पड़ेगा तुम्हें? है। इतनी जो सजा हुई वो कोई सजा में नहीं मानी जाएगी, सजा तो अभी जज देगा नहीं फिर वो सजा बोगो आईएसआई।ये जो पाप का यहाँ तुम्हे दिखाई देता है, ब्याज है, सजा तो नर्क में मिलेंगे। इसीलिए कहते है नामजप कर लो गलती सब से हो जाती है। नाम जब गलती मिटा देगा, पाप को नष्ट कर देगा और नियम लो की जिन पापों से हमारा मन मलिन हुआ, वो मैं दुबारा कभी पाप नहीं करूँगा और नामजप करोगे तो सारे पाप नष्ट हो जाएंगे। ये भूल में मतरेला की शरीर को यहाँ छूट गया। हिसाब किताब ये दंड किसको भोगना पड़ेगा तुम्हें?  जैसे शरीर स्वप्न में सोया हुआ सैया पे बिलकुल ज्ञान नहीं और स्वप्न में जो हमे दुःख सुख मिलता हैं वो भोगना पड़ता हैं। जब जगते हैं तब वो झूठा नज़र आता हैं, ऐसे ही एक यातना देह मिलता हैं नर्क का फिर उसको वह मरना नहीं होता।

 

BHAJAN MARG #02 premanand ji maharaj

bhajanmarg#02 BHAJAN MARG #02:- महाराज जी:-आज अक्षय तृतीया है क्षेत्र दिया तुम्हे जगह जगह हलुआ, पूड़ी सब बटते मिलेगा वो उसमें सत्संग अगर याद हो तो बहुत कुछ बटेगा लेकिन तुमको क्या लेना है राधा नाम ये ठंडाई ये हलुआ देखो आज परीक्षा है तुम्हारी, आज करो उपवास। एक टाइम शाम के भोग लगाकर के श्री जी का रुखा सुखा घर में पाले ना बाहर पानी भी मत पीना वैसे आज के दिन कहा जाता है दान पुण्य करे बहुत लाभ मिलता है तो क्या दान करो सबसे बड़ा दान जिसके आगे कोई दान हो नाम दान इससे बड़ा कोई त्रिभुवन दान हो हमारी तो आंतरिक बात ये है की खूब आज भजन करो, उसका दान करो क्नॉइस। तो उसका कई गुना फल कर आपको लाभ मिलेगा। पूरे विश्व को दान करो। आज मैं नाम जप करूँगा और अपने नाम का सप पूरे भारतवासियों को विश्व को दान करूँगा। सर्वे भवंत सुखीना सर्वे संत निरामया, खूब नाम जप करो क्नॉइस।

 

BHAJAN MARG#03 

bhajanmarg#02BHAJAN MARG#03:-भक्त:- महाराज जी, मैंने  श्रम जी की कृपा हुई। मैंने नर्मदा मैया की 400 4000 किलोमीटर की पैदल परिक्रमा की। जीस वजह से गलत खान पान मदीरा लहसुन प्यार सब छोड़ दिया अब आपका भी कुमार को संगति में नहीं जाऊं, ऐसी कृपा करें गुरुदेव भगवान मैं राम जी को अपना ईस्ट और आपको अपना गुरुदेव रूप में स्वीकार करता हूँ। गुरुदेव भगवान आप और राम जी दोनों मुझे अत्यंत प्रिय गुरु भगवान आप कृपा करें की मैं कभी समझ नहीं आ रहा है की मैं कैसे आगे बढूं?

महाराज जी:- नहीं आप राम जी राम जी। सिया राम सिया राम जकु राम राम जकु नहीं जैसे हम राधा मा धो कहते हैं तो राधा कर रहा उम्मा दो कमा तो हो गया ना राम राम बोले तो राधा मा धो राधा मा धो बोले तो राम अंतर थोड़ी हैं ना, प्रभु तो एक ही हैं ना, उसके नाम अनेक हैं आप सिया राम से प्यार करो राधा राधा जैसे हम जपते अच्छा तुम राम जब करो।आइसीआइसीआइ आराम जब करो राधे से हम जब रहे बात देखिए आप चलो जो आपको प्रश्न जो आपको चाहिए उसका उत्तर भगवान आपको दिला दे पर अब ना से।

भक्त:- महाराज जी,डर लगता है की कभी। अब आगे ना फिसल जाए कही?

महाराज जी:- नहीं ऐसा डरना भी नहीं चाहिए। हमको कौन डरा सकता है? तो अगर हम निश्चय कर लिया की मुझे मांस नहीं खाना मुझे शराब नहीं पीना।मुझे पलाई माता बहनों की तरफ गन्दी दृष्टि नहीं करनी, तो मुझे कौन गिरा देगा? आप? सोचो हमारे निश्चय में कमजोरी तभी हम।

राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
राधे

🌸🙏 राधे राधे बोलो, प्रेम से बोलो! 🙏🌸

bhajanmarg#04 to #06

Summary
premanand ji maharaj
bhajanmarg#15 to #17
premanand ji maharaj
भजन मार्ग 15 से 17 में प्रेमानंद जी महाराज द्वारा भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का गूढ़ रहस्य समझाया गया है।
PremanandMaharaj.blog पर पाएं प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन, भजन और भक्ति ज्ञान का संग्रह।
premamand ji maharaj
Publisher Name
bhajanmarg#01
Publisher Logo

2 Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *