Bhajan Marg

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 bhajanmarg#61 – एक साल में 1.5 करोड़ नाम जप हो गया है अब मेरे साथ ऐसा हो रहा है?”

bhajanmarg#61bhajanmarg#61 :- भक्त :- एक करोड चोवन लाख नाम जप हो गया है महाराज जी, जिसमें मुझे प्रोपकार की भावना उत्पन हो रहे हैं महाराज जी,अभी इनका कहना था कि जैसे कोई दीन हीन नहीं है, आप कुछ कोई देखते हो, तो अपना भजन दे देता हूँ।

महाराज जी :- अपने लक्ष तक पहुँचो पहले, नहीं तो बीच में लुट जाओगे। जो भजन करो, वो भगवान को समर्पित करो। जिसको दीन दुखी देखो, तो तन से, धन से, सुख पहुचाने की चेस्टा करो, और मन से भावना करो, भगवान, आप तो परमुदार हो, आप इसे ठीक करो। भजन भगवान को दो, प्रार्थना भगवान से करो, जब तक भगवत प्राप्ती ना हो जाए, तब तक भजन खर्चा करने का बिल्कुल अधिकार नहीं रखना चाहिए।

भक्त :- महाराज जी, उस समय मन बहुत द्रवित हो जाता है।

महाराज जी :-  तो तन से शेवा कर दो, उससे प्रार्थना कर दो, आपका भजन तो थोड़ा है नहां, भगवान अपार करुणा शिंदू है, तो हम प्रार्थना करते हैं कि भगवान इसके कर्म को आप नश्ट कर दो, इसको सुख प्रदाग करें। तो विनै करना, सरीर से और धर्म से सेवा करना, भजण को भगवान के चरणों में समर्पित करना, वो सिर्फ भगवत प्राप्ती के लिए है।

भक्त :-  मैं तो वो भजण कर लूगा, लेकिन इसको..

महाराज जी :- लेकिन साम तक जियोंगे, आपको पता है क्या? ये कोई गारंटी तो है नहीं ना। तो पहले हम अपना कारी करते हैं, मनुष्य जीवन का।पहले अपना कल्यान करें, अपने को भगवत प्राप्ती करें। तो जब आप भगवत प्राप्त हो जाओगे, तो वासु देवा सर्वं, कोई जीव बचा ही नहीं। सब भगवान ही हैं, यही अनुभव हो जाएगा। तो नाटक मंच पर दुख, सुख का नाटक कर रहा है,वसुता वो परमात्मा है, ऐसा घ्यान हो गया,तो ये बृत्ती भी चली जाएगे| nextpage 

bhajanmarg#62 – शादी से पहले जीवनसाथी से क्या प्रश्न करना सही है?”

bhajanmarg#62bhajanmarg#62 :- भक्त :- महाराज जी ग्रस्त आश्रम में जाने से पहले अपने जीवनसाथी से ऐसे कौन से प्रश्न पूछने चाहिए जिससे हमें पता चल जाए कि हमारे अनुकूल है या नहीं? 

महाराज जी :-  ये आपके प्रश्नों से क्या होगा? हम गलत उत्तर दे दे तो क्या आप मान लेंगे? मान लो जिसे हम आपसे पूछ रहे हैं आप ब्रह्मचर्य हैं, आपने कभी किसी को नहीं स्वीकार किया तो आप कहेंगे मैंने किसी को नहीं स्वीकार किया तो झूठ भी तो बोल सकते हैं। क्नॉइस तो आजकल तो बच्चा कि यह प्रश्न पूछो कि तुम पवित्र हो तब तो तुम जीवन भर संशय में बने रहोगे, पहले तुम पवित्र हो, पहले अपने को ब्रह्मचारी बनाओ और फिर भगवान से प्रार्थना करो कि हे नाथ मुझे ऐसा जीवन साथी दो जो हमें धर्म के अनुसार आप तक पहुंचा दे। भागवत प्राप्ति करा दे ऐसा जीवन साथी दो तो ऐसा बच्चा चलना, भगवान से बकाया कोई प्रश्न मत करो और जब हमने हाथ पकड़ लिया और हाथ समर्पित कर दिया तो फिर दूसरे की तरफ देखे ना अपने पति पत्नी से प्यार रखे यही हम चाहते है। बाद में फिर नहीं तो जीवन बर्बाद हो जाएगा अब तो भगवान से ही प्रार्थना करो कि वही सही मार्ग में हमें ले चलने वाला साती जीवन साती दें तो भगवान है कृपा करें नहीं तो बड़ा अपवित्रता पहल रहे है| nextpage

bhajanmarg#63 – लोग कहते हैं, इससे बात मत करो — यह शराब नहीं पीता।” 

bhajanmarg#63bhajanmarg#63 :- महाराज जी :- शराब पीते हो कभी?

भक्त :- कभी कभी| 

महाराज जी :- गलत काम कभी कभी करो या रोज़ करो गलत गलत है। मदिरापान ऐसे फैल चुका है जैसे कोई जाए तो ठंडा शरबत पिलाए। ना ऐसे पार्टी मित्रता, स्वागत सब इसी से होने लगा है।

भक्त :-  जब छोटे थे ना गुरूजी तो ऐसा लोग कहते थे कि भाई इससे बात मत करो, ये शराब पीता है। अब कहते हैं कि भाई इससे बात मत करो, शराब नहीं पीते| 

महाराज जी :- हाँ, बिल्कुल बिल्कुल

भक्त :-  तो। सोशलाइज़ होने के लिए ऐसा एक वो हो गया है कि आपको जाना है और आपको ग्लास पकड़ना है|

महाराज जी :-  तो आप जैसा कह रहे हो ना कि अगर शराब ना पिए तो लोग कहते हैं इससे बात मत करो, शराब नहीं पीता, शराब पीता है इसलिए बात करो। मतलब टोटल नरक। कलियुग ने वादा किया कि कोई भूल चूक से भागवत प्राप्ति कर ले या स्वर्ग चला जाए। नहीं सीधे हम पूरा नर्क हाउसफुल करेंगे तो देखो शराब पीना पराई स्ट्री से व्यावचार करना मांस खाना चोरी करना, जुआ, घूस, अपराध प्रवृत्ति ये बढ़ती चली जा रही है। आप देखो ना। 

भक्त :- बिलकुल नॉर्मल हो गयी।

महाराज जी :- बिलकुल कलयुग वाली बात सच्ची मत करो की यार सब हाउसफुल हो जाएंगे। कुछ तो बच लिए जाए कुछ तो आप बच जाओ क्योंकि अच्छे आदमी हो आपको भगवान ने सत्संग दिया। वृंदावन धाम आये साधुसं के तो आपका दुर्गुण छूट जाना चाहिए तो आपसे नियम ले लो की आप सर आप नहीं पियोगे। आप ही ना लो बाकि जितने बैठे हो उतने सब लेलो गन्दे आचरण काहे को करो यार नियम लो आज से की आप सराब नहीं पियोगे पक्का, मौन हो के नहीं अन्योगुण?

भक्त :- जी, पक्का गुरु जी| 

महाराज जी :-  आज से सराब नहीं पियोगे, भगवान से प्रार्थना करते वे, नाम जब करते वे, अच्छे बनो| nextpage

प्रतिदिन राधे जाप :-

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🌸🙏 राधे राधे बोलो, प्रेम से बोलो! 🙏🌸

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bhajanmarg#15 to #17
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भजन मार्ग 15 से 17 में प्रेमानंद जी महाराज द्वारा भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का गूढ़ रहस्य समझाया गया है।
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