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bhajanmarg#80 – गुरु बनाना आवश्यक क्यों है? श्री संत नामदेव जी महाराज का चरित्र (भाग 1)

bhajanmarg#80bhajanmarg#80 :- Premanand ji maharaj :- नामदेव जी महाराज भगवान के प्रिय भक्त थे। गोरा कुम्हार के यहाँ सब संत बैठे थे। एक तो थापी को उठाया मुक्ताबाई ने और कहा कि चाचा ये किस काम में आती है तो बोले मत की कच्ची पक्की है ये देखने काम में आती है। बोले अच्छा ऐसे मारा ऐसे सब संतो के तो हस दिए संतो जब नामदेव। जीके महाराज उनका ये क्या है, संतो का अपमान करते हो। एक दम नाराज हो गए। बोले काका ये मटकी कच्ची है तो सब संत फिर हंस दिए सब संतो से कहा के हम कच्चे उनका हाँ आप कच्चे हो क्यों कच्चे है उनका आपने गुरु नहीं बनाया अभी तक तुमको गुरु बनाने की क्या जरूरत है? गुरु की आवश्यकता होती है भगवान को मिला देना और नामदेव जी से स्वयं बिठल भगवान बातचीत करते थे। मंदिर गए और भगवान से कहा मैं कच्छा हूँ बोले हाँ, कच्छे हो तो उन्होंने कहा, हम किस को गुरु बनाये तो भगवान ने कहा इस जंगल में विशोबा खेचर नाम के महापुरुष पड़े हुए है जहाँ उनको गुरु बना लो, वो जंगल में गए तो शिव जीके मंदिर में वो पड़े थे, बड़े विचित्र ढंग से पड़े थे, डेहरी पे सर रखे थे और शिवलिंग पर पैर रखे। थे तो उनका ये तो साधारण आस्तिक पुरुष भी नहीं है। इनको हम क्या गुरु बना ले उनका? ये ये पैर हटाओ शिवजी के ऊपर। से उनका बेटा जहाँ शिवजी ना हो वहाँ पैर रख दो, उन्होंने ऐसे पैर पकड़ाओ इधर जीव हा किया तो वहां सिव लिंग पर अटाओ।उनको लगए तो सिद्ध पुरुष है। तो चरणों में बैठ गये उनका भगवान ने काया आपको गुरु बनाने के लिए। उनका बेटा कोई कण ऐसा नहीं जहां भगवान ना हो। ये शिक्षा दिया। आव उनके दिमाग में बैठ गया कोई कण ऐसा नहीं जहां भगवान ना हो।एक दिन रोटी पका रहे थे। nextpage

bhajanmarg#81 – गुरु कृपा के बिना यह सिद्धि कभी प्राप्त नहीं होती। श्री संत नामदेव जी महाराज का चरित्र (भाग 2)

bhajanmarg#81bhajanmarg#81 :- Premanand ji maharaj :- नामदेव जी महाराज भगवान के प्रिय भक्त थे तो भगवान ने कहा जाओ उनको गुरु बना लो उनका बेटा कोई कण ऐसा नहीं जहाँ भगवान ना हो ये शिक्षा दी अब उनके दिमाग पे बैठ गया कोई कण ऐसा नहीं जहाँ भगवान ना हो। वे 1 दिन रोटी पका रहे थे तो घी गर्म करने के लिए गए तो कुत्ता सब रोटी लेके भागा तो आप घी लेके जा रहे हैं कोई कण ऐसा नहीं जहाँ भगवान ना हो तो कुत्ते में भी भगवान है का प्रभु घी लगवा लो, सूखी मत खाओ और कुत्ता खड़ा हो गया। और नजदीक गए पढ़ने लगे कुत्ते में फिर देखा तो बिट्ठल भगवान कुत्ते में बिट्ठल भगवान तो भगवान ने कहा देखा गुरु कृपा मैं ही था मुक्ताबाई के रूप में तो हमसे मंदिर में शिकायत करने आए थे। आज जब गुरु कृपा हो गई तो कुत्ते में भगवान देख लिया। डंडा नहीं मारा की हमारी सारी रोटी ले जा रहा है नहीं भगवान देख लिया। तो हमें लगता है गुरु कृपा के बिना तो भक्ति , ज्ञान, बैराज्ञे सिद्धोना बड़ा मुश्किल है। तो भगवान से प्रार्थना करे नाम जब करते हुए कि हमें गुरु की प्राप्ती कराओ तो भगवान ही गुरु है, गुरु ही भगवान है वो मिल जाएंगे। nextpage

bhajanmarg#82 – शादी के लिए सही व्यक्ति कैसे चुनें?

bhajanmarg#82bhajanmarg#82 :- भक्त :- महाराज जी जीवन साथी ढूंढ़ते समय एक पुरुष में ऐसी कौन सी कौन सी विशेषताएं अवश्य देखनी चाहिए जिससे हमारा ग्रहस्त जीवन सुख में संतुलित और पूर्ण सुखद बना? रहे।

Premanand ji maharaj :-  हम तो यही मनाते हैं कि सबसे पहले भगवान से ही प्रार्थना करनी चाहिए कि मुझे पवित्र। मित्र संयम, जीवन साथी दीजिए क्योंकि आजकल बेविचारी बच्चियां और बच्चे सब हो रहे है और वो तब आपकी कामना पूर्ण होगी जब आप पवित्र हो। आप सुशील हो, आप सज्जन हो, हम अपवित्र हो और पवित्र पति की कामना करें, असंभव। सीता जी गौरी माँ का पूजन करते हैं और उनसे कहते हैं कि हमको हमारी योग्य वध दीजिए तो जीस दिन राम जीके दर्शन हुए जनक जी की वाटिका में सियाजू को फिर पूजन करने गई तो। अम्बाजी प्रसन्न होकर बोली, जाओ तुमने जैसा वर्ष सोचा था आज जीसको तुमने देखा है ना सावरे सलो यही तुम्हारे दूल्हा हो गई तो भगवान शिव की आराधना भगवान शिव की कृपा से से सुन्दर वर की प्राप्ति अवती होती है मा गोरी की किरपा से बगवान के लिए सोंबार ब्रत गोरी की उपासना करो भगवान से कहो कि मुझे सुन्दर्व सुशील वर दो तो सर्ष्टी में सब उनके है तो वो कहीं न कहीं मिला देंगे| nextpage

प्रतिदिन राधे जाप :-

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🌸🙏 राधे राधे बोलो, प्रेम से बोलो! 🙏🌸

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bhajanmarg#15 to #17
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भजन मार्ग 15 से 17 में प्रेमानंद जी महाराज द्वारा भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का गूढ़ रहस्य समझाया गया है।
भजन मार्ग सीरीज़ 80‑82 में प्रेमानंद जी महाराज के भावपूर्ण भजन।
premamand ji maharaj
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